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Toggleक्वांटम कंप्यूटर क्या है – What is Quantum Computer in Hindi
क्वांटम कंप्यूटर एक ऐसी device है जो की information को process करने के लिए quantum mechanics के principles का इस्तमाल करती हैं। क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित एक उपकरण है।

यह चूँकि Parallel Processing Computation करता है इसलिए ये कठिन-से-कठिन कार्यों को भी कुछ ही मिनटों में सफलतापूर्वक कर सकता है जिसके बारे में आज के कंप्यूटर सोच भी नही सकते हैं।
Quantum computer आज के समय में इस्तमाल होने वाले classical computer से काफ़ी ज़्यादा अलग होते हैं क्यूँकि ये qubits का इस्तमाल करते हैंम जो की bits से काफ़ी अलग होती है।
क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है?
चलिए जानते हैं की क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है? Classical computer में information को binary digits या bits में store और process किया जाता है। एक bit या तो 0 या 1 का value रख सकता है।
लेकिन quantum computer में information को quantum bits या qubits में store और process किया जाता है। एक qubit 0 और 1 दोनो ही values को एक साथ रख सकता है, इसको superposition कहते हैं।
इसके अलावा, दो या दो से ज़्यादा qubits एक दूसरे से जुड़ सकते हैं, इसको entanglement कहते हैं। इसका मतलब ये है की एक qubit का state दूसरे qubit पर निर्भर कर सकता है। Quantum computer qubits की मदद से जटिल और बड़ी समस्याओं को जल्दी और कुशलता से हल किया जा सकता है।
Qubits की superposition और entanglement की properties से Quantum computer को parallel computation करने की शक्ति मिलती है, जो classical कंप्यूटर के लिए मुश्किल होती है।
क्वांटम कंप्यूटर quantum algorithms का उपयोग करता है, जो mathematical operations होते हैं जो qubits पर परफॉर्म करते हैं। Quantum algorithms में quantum gates का उपयोग होता है, जो qubits के states को मैनिपुलेट करते हैं।

क्वांटम कंप्यूटर के जनक
David Deutsch को क्वांटम कंप्यूटर का जनक समझा जाता है। उन्होंने ही quantum Turing machine का concept दिया था, जो की एक universal quantum computer का model भी था।
उन्होंने ही बताया कि आने वाले समय में quantum computer classical computer से ज़्यादा powerful होगा, क्यूँकि वो दोनों deterministic और probabilistic problems को solve कर सकता है।
इससे पहले भी Quantum computer की अवधारणा को पहली बार 1980 में भौतिक विज्ञानी Paul Benioff ने पेश किया था। उन्होंने बताया कि एक classical Turing machine को quantum mechanical टर्म्स में मॉडल किया जा सकता है।
उनके बाद, 1982 में भौतिक विज्ञानी Richard Feynman ने क्वांटम कंप्यूटर की ज़रूरत और क्षमता को समझाया था। उन्होंने कहा था कि क्वांटम घटना का अनुकरण करने के लिए क्वांटम कंप्यूटर की आवश्यकता होगी, क्योंकि classical कंप्यूटर इसमे विफल हो जाएगा।

क्वांटम कंप्यूटिंग के अनुप्रयोग
Quantum computing का बहुत सारे fields और industries में अनुप्रयोग हो सकता है, जैसे की…
1# Cryptography
क्वांटम कंप्यूटिंग से encryption और decryption के तरीकों में सुधार किया जा सकता है, data security और गोपनीयता के लिए यह जरूरी है। Quantum Cryptography का उपयोग करके सुरक्षित संचार और कुंजी वितरण किया जा सकता है।
2# Artificial Intelligence
Quantum Computing से Machine Learning और Deep Learning के algorithms को बढ़ाया जा सकता है, जो artificial intelligence के लिए जरूरी है। Quantum Machine Learning का उपयोग करके data analysis, pattern recognition, optimization और वर्गीकरण किया जा सकता है।
3# Chemistry
क्वांटम कंप्यूटिंग से molecular और रासायनिक प्रणालियों को मॉडल और अनुकरण किया जा सकता है, जो रसायन शास्त्र के लिए जरूरी है। Quantum chemistry का उपयोग करके दवा की खोज, material design, catalysis और reaction kinetics किया जा सकता है।
4# Physics
क्वांटम कंप्यूटिंग से भौतिक घटनाओं का अध्ययन और समझ किया जा सकता है, जो physics के लिए जरूरी है। क्वांटम भौतिकी का उपयोग करके quantum mechanics, quantum field theory, quantum gravity और ब्रह्मांड विज्ञान किया जा सकता है।
क्वांटम कंप्यूटर के लाभ
चलिए क्वांटम कंप्यूटर के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। वैसे Quantum computer के बहुत सारे लाभ हैं, हम यहाँ पर कुछ प्रमुख के बारे में जानेंगे।
1# Speed
Quantum computer एक classical कंप्यूटर से ज्यादा तेज़ होता है, क्योंकि वह parallel computation कर सकता है। इसका मतलब ये है कि वो एक साथ बहुत सारे कार्यों को अंजाम दे सकता है, जो classical computer के लिए मुश्किल होता है।
2# Efficiency
क्वांटम कंप्यूटर classical computer से ज्यादा कुशल होता है, क्योंकि वह संसाधनों का उपयोग करता है। इसका मतलब ये है कि वो कम memory, power और space कंज्यूम करता है, जो classical computer के लिए ज्यादा होता है।
3# Accuracy
क्वांटम कंप्यूटर classical कंप्यूटर से ज्यादा accurate होता है, क्योंकि वह त्रुटि सुधार (error correction) कर सकता है। इसका मतलब ये है कि वो अपने qubits के states को monitor और सही कर सकता है, जो classical कंप्यूटर के लिए मुश्किल होता है।
क्वांटम कंप्यूटर प्राइस
Quantum computer का price या क़ीमत बहुत ही ज़्यादा होता है, क्यूँकि यह एक बहुत ही ज़्यादा advanced और complex technology है। Quantum computer बनाने और चलाने के लिए बहुत सारे components और conditions की ज़रूरत होती है।
क्वांटम कंप्यूटर प्राइस की बात करें तब एक market analysis के अनुसार एक commercial quantum computer की क़ीमत लगभग $10 million (₹831,200,000) से $15 million (₹1,246,800,000) के भीतर होती है, वो भी निर्भर करती है उसके capabilities और scale के ऊपर।
क्वांटम कंप्यूटर का मूल्य अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ये एक विकसित और गतिशील तकनीक है। Quantum computer की कीमत उसके विनिर्देशों, विशेषताओं और प्रदर्शन पर निर्भर करती है। क्वांटम कंप्यूटर की कीमत सीमा कुछ लाख से लेकर कुछ करोड़ तक हो सकती है।
इससे पहले भी Quantum computer की अवधारणा को पहली बार 1980 में भौतिक विज्ञानी Paul Benioff ने पेश किया था। उन्होंने बताया कि एक classical Turing machine को quantum mechanical टर्म्स में मॉडल किया जा सकता है।
उनके बाद, 1982 में भौतिक विज्ञानी Richard Feynman ने क्वांटम कंप्यूटर की ज़रूरत और क्षमता को समझाया था। उन्होंने कहा था कि क्वांटम घटना का अनुकरण करने के लिए क्वांटम कंप्यूटर की आवश्यकता होगी, क्योंकि classical कंप्यूटर इसमे विफल हो जाएगा।